कोरोना का कहर - गूगल  ने 2000 से ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट और टेंपरेरी वर्कर्स की नौकरियां की रद्द, विज्ञापनों में गिरावट के कारण गूगल और फेसबुक परेशान। इन कर्मचारियों को बेरोजगारी भत्ते और अन्य सुविधाओं का फायदा नहीं मिलेगा

नई दिल्ली/ वाशिंगटन। कोरोना के कहर के चलते तकरीबन सभी कंपनियां अपने खर्चों में कटौती कर रही हैं इससे डिजिटल विज्ञापन पर उनका व्यय घटा है ऐसे में गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों के लिए परेशानियां खड़ी हो गई है , क्योंकि उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा डिजिटल विज्ञापनों से ही आता है इस कारण पहली बार उनकी आय वास्तव में घट सकती है। 



कोरोना वायरस की वजह से लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. वहीं, अमेरिका में बेरोजगारी बढ़ रही है. इस वजह से कंपनियां विज्ञापन और प्रचार-प्रसार पर अपना खर्च घटा रही है, कुछ मामलों में तो यह शून्य हो गया है। 
कोरोना महामारी के चलते विज्ञापनों की संख्या में आई गिरावट की वजह से दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने कॉन्ट्रैक्ट और टेंपरेरी वर्कर्स की 2000 से ज्यादा नौकरियों को रद्द कर दिया हैं। न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने अपने खर्च में कटौती करने का निर्णय लिया है। इसके चलते गूगल ने 2000 से ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की नौकरियां रद्द की है।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों को भेजे संदेश में कहा कि अगले एक साल के लिए कंपनी नयी नौकरियां देने में कटौती करेगी फेसबुक ने भी पिछले महीने विज्ञापन से होने वाली आमदनी घटने के चलते कारोबार प्रभावित होने की चेतावनी दी थी हालांकि, उसने ज्यादा जानकारी नहीं दी थी। 
गूगल के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर Ruth Porat ने कहा कि इस साल पिछले साल के मुकाबले कंपनी ने हायरिंग स्पीड को कम रखा है। कंपनी ग्लोबल स्तर पर करीब 1.30 लाख कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को रोजगार देती है। ऐसे में गूगल की तरफ से 2,000 पोस्ट को रद्द करना एक छोटा हिस्सा है। न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक गूगल की तरफ से कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की पोस्ट रद्द होने से महामारी के दौर में उन लोगों के लिए समस्या बढ़ेगी, जिनकी नौकरी छिन जाएगी। इन लोगों को स्वेच्छा से पद छोड़ना पड़ेगा। इन कर्मचारियों को बेरोजगारी भत्ते और अन्य सुविधाओं का फायदा नहीं मिलेगा।



अमेरिका में डिजिटल विज्ञापन के बाजार में गूगल और फेसबुक के पास करीब 70 फीसदी हिस्सेदारी है. ऐसे में कमाई घटने का असर कंपनी में काम करने वाले लोगों पर पड़ेगा. उनके वेतन में कटौती इत्यादि के विकल्प अपनाए जाएंगे. अन्य क्षेत्रों की कंपनियां इस तरह के विकल्प पहले ही अपना चुकी हैं. सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल खुद अपने विपणन विभाग का खर्च घटाने पर विचार कर रही है।



 


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